उ0प्र0 का सेवायोजन महकमा अपनो के द्वारा ही उपेक्षित दिल्ली
राज्य की तर्ज पर नौकरी देने-लेने के इच्छुक हेतु वेबसाइड बेहतर
उ0प्र0 सरकार अन्य प्रदेशों में रोजगार की तलाश में जाने वाले कामगारों एवं दक्ष प्रतिभाओं की ऊर्जा प्रदेश के विकास में ही लगाने व किन्ही भी असमार्थक परिस्थति कोरोना संक्रमण जैसी स्थिति की भांति उन प्रदेशों से श्रमिक कामगार पलायन की कोरोना की परिस्थिति दुबारा न बनें इसके लिए इनके पुर्नवास एवं इन्हें रोजगार युक्त बनाने के लिए जी जान से जुटी है। इस प्रयास में रोजगार दिलाने के लिए प्रदेश के सेवायोजन विभाग द्वारा अपना पोर्टल
sewayojan.up.nic.in का यूजरनेम और पासवर्ड साढ़े 22 हजार सरकारी विभागों को भेजा है।
इस सरकारी विभाग में उ0प्र0 पावर कारपोरेशन व उसकी इकाईयां विद्युत जल एवं उत्पादन निगम, प्रस्तारण आदि को भी मिला है या नहीं, यह तो तब पता चलेगा जब उ0प्र0 सरकार के इस उपक्रम में ठेकेदारी के माध्यम से हजारों श्रमिक तकनीशियन व आईटी प्रोफेशनल्स आदि को रखना बंद होकर सेवायोजन विभाग व उसके पोर्टल का इस्तमाल होगा। इस विभाग में काम कर चुके एवं इस विभाग में अधिक मांग के सापेक्ष कम कामगार देकर सुविधा शुल्क देकर मालामाल बनने वाले कहते है कि विभाग के प्रशासन को सेवायोजन हजम हुआ है न ही भविष्य में होगा। इस माध्यम से काली कमाई व विभाग को चुना तो नहीं लग पायेगा।
बिजली विभाग के लोग स्वयं की नीजि व ठेके के वाहनों पर उ0प्र0 सरकार लिखते है उपक्रम न ही इस तरह वह वाहन चैकिंग व टोल आदि से बचते है पर सरकारी सेवायोजन विभाग को भाव देने को तैयार नहीं। इस विभाग में स्थिति सेवायोजन विभाग की उपेक्षा तब है जबकि इस विभाग के प्रबन्धन में आईएएस, पीसीएस व उ0प्र0 पुलिस की बड़ी दखलन्दाजी है।
उ0प्र0 पावर कारपोरेशन की देखा-देखी सरकारी विभाग व अर्द्धसरकारी तथा सार्वजनिक उपक्रमों में भी रोजगार देने में सेवा योजन विभाग की नजरन्दाजी बढ़ती जा रही है। अल्प कार्य व समय अवधि दिखाकर ठेके या बाह्य एजेंसी से कार्य कराने या कामगार रखने का लगाव सुविधा शुल्क लालच में बढ़ने की बात हम नहीं बल्कि इन विभागों के कार्य कर चुके व करने वाले दबी जुबान कहते हैं।
सेवायोजन विभाग द्वारा अपना पासवर्ड व यूजरनेम जिलाधिकारी, तहसील व ब्लाक स्तर तक भेज दिए जाने व 18 हजार निजी प्रतिष्ठानों और उद्योगों को पोर्टल का लिंक भेजने की बात कही गई है।
सेवायोजन विभाग के निदेशक कुणाल सिल्कू का कहना है कि उन्होंने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों से बात कर उनके यहां हो रहे कामों के लिए आवश्यक कामगारो का विवरण मांगने की बात कही है। इसके साथ उनका कहना है की पोर्टल पर दर्ज प्रवासी श्रमिकों के हुनर के हिसाब से उन्हें काम देने का तरीका भी बताया है। सेवा योजन पोर्टल पर 35 लाख पंजीकृत बेरोजगारों का ब्योरा दर्ज होने व राहत आयुक्त व राजस्व विभाग द्वारा 35 लाख प्रवासी श्रमिकों का ब्योरा भी दर्ज होने व राहत आयुक्त व राजस्व विभाग द्वारा 35 लाख प्रवासी श्रमिकों का ब्योरा भी दर्ज होने की बात कही कही गई है। 70 लाख प्रवासी श्रमिकों का ब्योरा पोर्टल पर दर्ज है।
एक समय रहा सेवा योजन पंजीकरण नौकरी में अनिवार्य रहा पर अब...
हमने सत्तर का दशक देखा हे जब नौकरी के लिए सेवायोजन विभाग में पंजीकरण अनिवार्य था पर अब हम देखते है सेवायोजन विभाग से खुद सरकारी अर्द्धसरकारी विभाग अनभिज्ञता रखते है। यह इस विभाग के माध्यम से रोजगार देने में कितनी भागीदारी करेंगे इसे कहना मुश्किल ही नहीं बल्कि विश्वसनीय भी नहीं है। नौकरियां दिलाने के लिए जिस तरह निजी एजेंसी खुली है बड़ी-बड़ी कम्पनियां रोजगार दिलाने व उतनी ही गति से
बेरोजगारों को ठगी व उनका आर्थिक, मानसिक उत्पीड़न के अलावा अब तो शारीरिक उत्पीड़न यौनाचार तक नौकरी दिलाने के नाम पर भेड़ियों की संख्या बढ़ने का बड़ा कारण सेवायोजन विभाग का सफेद हाथी बनना है। नौकरी के नाम पर जिस तरह के लेन-देन व नौकरी के इच्छुक को पगार व कार्य लेने में जिस तरह की सौदेबाजी व धोखाधड़ी निजी नौकरी दिलाने वाली एजेंसी माध्यम से सम्भव है ऐसा कुछ सेवायोजन विभाग के माध्यम से सम्भव नहीं।
कम्पनी, संस्थान आदि जिनमे कामगार रखे जाते है सेवायोजन माध्यम से काम देने में सरकार की अनेक पकड़, कर, फण्ड आदि के साथ आय, टैक्स आदि में हेरा-फेरी से बचने का रास्ता कम है इस कारण सीधे या एजेंसी माध्यम कही अधिक पसंद है।
प्रवासी के साथ प्रदेश से न जाने वालों की भी तो...
उ0प्र0 सरकार दूसरे प्रदेशों में काम धंधे की तलाश के स्थान पर प्रदेश में ही अपनी ऊर्जा एवं तकनीक व अनुभव का लाभ लाने के लिए किए जा रहे प्रयास निःश्चय ही सराहनीय है और भविष्य निधि विभाग की भांति सेवायोजन विभाग को सरकारी, अर्द्धसरकारी, सार्वजनिक विभाग जिसमें उ0प्र0 पा0का0 या उ0प्र0 रोड़वेज, प्रदेश के सहकारी बैंक आदि में बैगर सेवायोजन पंजीकरण के कामगार रखे जाने को अपराध बनाकर कार्यवाही के लिए अधीकृत करना समय की मांग है।
बेहतर हो जिस भांति प्रवासी श्रमिकों का विवरण पोर्टल विभागों व निजी संस्थानों व उद्योगों को भेजा गया है इस भांति प्रदेश में ही रह रहे
बेरोजगारों का पोर्टल बनाकर उसे भी सरकारी, अर्द्धसरकारी व सार्वजनिक विभागों को भेजा जाये। प्रवासी हो या प्रदेश में ही रहने वाला बेरोजगार सभी को काम दिलाना प्रदेश सरकार का लक्ष्य होगा ऐसे में प्रवासी श्रमिक पोर्टल के स्थान पर रोजगार की तलाश पोर्टल नाम दिया जाए और इसमें प्रवासी व प्रदेश के अन्य सभी बेरोजगार कुशल व अकुशल कामगार का विवरण अंकित हो। सेवायोजन विभाग में सरकारी, अर्द्धसरकारी, सार्वजनिक व निजी क्षेत्र के कामगारों की जरूरत का पोर्टल भी बने। - मीना भूषण